एमडीयू कुलपति के दस्तावेजों की जल्द करवाई जाए जांच :- विकास मलिक

एमडीयू कुलपति के दस्तावेजों की जल्द करवाई जाए जांच :- विकास मलिक

एमडीयू कुलपति के दस्तावेजों की जल्द करवाई जाए जांच :- विकास मलिक

एमडीयू कुलपति के दस्तावेजों की जल्द करवाई जाए जांच :- विकास मलिक

इनसो पंचकूला ने मुख्यमंत्री के नाम सीटीएम पंचकूला को सौंपा ज्ञापन 

26 अप्रैल 2022 , पंचकूला । 

 जननायक जनता की छात्र इकाई इनसो ने मंगलवार को पंचकूला जिलाध्यक्ष विकास मलिक के नेतृत्व में इनसो के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीटीएम पंचकूला को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर महृषि दयानंद विश्विद्यालय के कुलपति राजबीर सिंह के दस्तावेजों की जांच की मांग उठाई । जानकारी देते हुए बताया कि जिलाध्यक्ष विकास मलिक ने बताया कि एक तरफ़ तो सरकार उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास कर रही है और इसको लेकर बड़े-बड़े दावें किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ एमडीयू जैसे महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों में फ़र्ज़ी दस्तावेज़ वाले कुलपति पद पर बैठें हैं। मलिक ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद पर शिक्षित व योग्य व्यक्तियों को नियुक्त नहीं किया जाएगा तब तक उच्च शिक्षा की गुणवत्ता की बातें करना सिर्फ़ जुमला बनकर रह जाएगा । इस सम्बंध में इनसो प्रतिनिधिमंडल ने सीटीएम पंचकूला को मुख्यमंत्री के नाम  ज्ञापन सौंपकर एमडीयू कुलपति राजबीर सिंह की डीग्रीयों, फ़र्ज़ी दस्तावेज़ो व अनुभव प्रमाण पत्रों की जाँच करवाकर सख़्त कार्रवाई करवाने की माँग की। 

   विकास मलिक ने कहा क़ि इस सम्बंध में सभी दस्तावेज़ों के साथ इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देसवाल द्वारा मुख्यमंत्री को पहले भी ज्ञापन सौंपा जा चुका है। अगर सरकार तुरंत प्रभाव से जाँच करवाकर सख़्त कदम नहीं उठाती है तो एमडीयू रूपी धरोहर को बचाने के लिए इनसो छात्र संघ जल्द सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएगा व प्रदेश के छात्रों के सहयोग से प्रदेश स्तरीय आंदोलन खड़ा किया जाएगा। 

इनसो जिलाध्यक्ष ने कहा कि एक व्यक्ति ऐसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय यानी एमडीयू, रोहतक का कुलपति के रूप में नेतृत्व कर रहा है और जिसकी प्रोफेसरशिप पर सवाल उठाया जा रहा है और मामला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। सुपवा, रोहतक के कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति को भी उसी अदालत में इस आधार पर चुनौती दी जा रही है कि प्रोफेसर के रूप में उनकी नियुक्ति अवैध और अनैतिक थी। वह सतर्कता की जांच के दायरे में है और यूजीसी (सीईसी शाखा) में उनके कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार गतिविधियों में शामिल होने के लिए उनके खिलाफ जांच चल रही है। एमडीयू एक अयोग्य और अक्षम प्रशासक के कारण असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है, जो परिसर में 19,000 से अधिक हरे पेड़ों को काटने का मुख्य साजिशकर्ता था। 

  विकास मलिक ने मुख्यमंत्री से मांग करि की ज्ञापन में   वर्णित तथ्यों के आलोक में तथा नियमों एवं विनियमों के उल्लंघन की गंभीर प्रकृति को ध्यान में रखते हुए डॉ. राजबीर सिंह की समस्त नियुक्तियां, प्रमाण-पत्र इत्यादि। समयबद्ध तरीके से जांच की जानी चाहिए और जब तक दोबारा जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें एमडीयू वीसी के पद से हटा दिया जाना चाहिए।
   इस अवसर पर युवा प्रदेश सचिव पंकज पवार , इनसो नेता रितिक नैन ,गौरव सैनी , मोनू भनवाला,मोहन लाल सहित अनेक इनसो कार्यकर्ता मौजूद रहे।